I always motivate myself but sometimes i need some inspiration and extra motivative sparks to move in the right direction so that my willings could be executed properly. I believe in "Willingness To Start, the Courage To Move ahead and the Faith To Finish".
Thursday, May 9, 2013
Wednesday, March 27, 2013
Wednesday, March 13, 2013
Monday, February 25, 2013
Saturday, February 23, 2013
Start today...it's not too late.
This
is the time when the night falls and dawn comes up. The face of the
night is the dark past that we are to forget and look forward to the new
bright future of today.
As sore the wound might be today, it will be healed tomorrow.
As short you might be in love today you will cover up tomorrow.
You have today to do things that yo didn't do yesterday.
NOTHING TO LOOSE, NOTHING TO WORRY ABOUT.
KEEP YOUR HEAD LOW AND DO WHAT YOU KNOW THE BEST..
ऐसे सीखो जैसे कि तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो...!!!
ऐसे जियो जैसे कि तुम कल मरने वाले हो और ऐसे सीखो जैसे कि तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो...!!!
Monday, February 4, 2013
Saturday, January 12, 2013
Wednesday, January 9, 2013
No mercy for Pakistan...
बहुत बार किया माफ अब आर पार हो जाने दो
कश्मीर छोड़ो अब तो लाहौर
को भी भारत मेँ मिल जाने दो
कब तक दूध पिलाओगे तुम आस्तीन के साँपो को
सीमा पर रक्त बहाते पाकिस्तानी नागोँ को
बहुत बहया खून धरा पर शांतिवाद के नारोँ ने
दिल्ली की गद्दी पर बैठी कायर सरकारोँ ने
कैसे कोई जनप्रतिनिधि माँ को गाली दे जाता है
कैसे कोई सीमा के अंदर आकर रक्त बहाता है
यह घटनायेँ मेरी आँखो मेँ आँसू ले आती हैँ
ह्रदय द्रवित हो जाता कलम नहीँ रुक पाती है
बहुत किया है सब्र अब आर पार हो जाये
लाहौर कराची के ऊपर झंडा भारत का लहराये
अहिँसा का नारा देने वालो पढ़ लो तुम सारे ग्रंथोँ को
देवताओँ की छोड़ो बातेँ देवियाँ भी शस्त्र उठाया करती थी
अपनी आन मान शान के लिये राक्षसोँ से लड़ जाये करती थी
सौ गाली खाने के बाद कृष्ण ने भी शस्त्र उठाया था
क्षमादान का वचन निभाकर मानवधर्म निभाया था
मित्र धर्म की खातिर महाभारत के महासमर मेँ अपने वचन को तोड़ा था
राम ने भी सुग्रीव के लिये धर्म युद्ध का मार्ग छोड़ा था
47, 62, 71, 99, 09 और कितना माफ करोगे तुम
उन शहीदोँ का खून पूँछता है कब इंसाफ करोगे तूम
काश तुम्हारा भी कोई ताज मेँ फँसा होता
तुमको भी दर्द का एहसास हुआ होता
काश संसद मेँ दो चार धमाके हुये होते
दो चार मनमोहन खुर्शीद कमे होते
काश कभी दस जनपथ मेँ धमाका हुआ होता
सारा देश खुशी हुआ होता
काश वो दो सर सोनिया और राहुल के हुये होते
आज फिर भारत मेँ पटाखे फूट रहे होते
ये निँद्रा कब त्यागोगे तुम
शाँति मुद्रा कब त्यागोगे तुम
क्षमा छोड़कर वार करो तुम
दुश्मनोँ का संहार करो तुम
शेर होकर गीदड़ोँ से डर जाते हो तुम
धोखा खाकर भी गीदड़ भभकी से काम चलाते हो तुम
क्या उन दो सरोँ का कोई मूल्य नहीँ
क्योँ उनके लहू का मुल्य नहीँ
दो घण्टे की मोहलत दे दो नामोनिशान नहीँ होगा
भारत तो होगा पाकिस्तान नहीँ होगा......
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