Wednesday, January 9, 2013

No mercy for Pakistan...

बहुत बार किया माफ अब आर पार हो जाने दो

कश्मीर छोड़ो अब तो लाहौर
को भी भारत मेँ मिल जाने दो

कब तक दूध पिलाओगे तुम आस्तीन के साँपो को

सीमा पर रक्त बहाते पाकिस्तानी नागोँ को

बहुत बहया खून धरा पर शांतिवाद के नारोँ ने

दिल्ली की गद्दी पर बैठी कायर सरकारोँ ने

कैसे कोई जनप्रतिनिधि माँ को गाली दे जाता है

कैसे कोई सीमा के अंदर आकर रक्त बहाता है

यह घटनायेँ मेरी आँखो मेँ आँसू ले आती हैँ

ह्रदय द्रवित हो जाता कलम नहीँ रुक पाती है

बहुत किया है सब्र अब आर पार हो जाये

लाहौर कराची के ऊपर झंडा भारत का लहराये

अहिँसा का नारा देने वालो पढ़ लो तुम सारे ग्रंथोँ को

देवताओँ की छोड़ो बातेँ देवियाँ भी शस्त्र उठाया करती थी

अपनी आन मान शान के लिये राक्षसोँ से लड़ जाये करती थी

सौ गाली खाने के बाद कृष्ण ने भी शस्त्र उठाया था

क्षमादान का वचन निभाकर मानवधर्म निभाया था

मित्र धर्म की खातिर महाभारत के महासमर मेँ अपने वचन को तोड़ा था

राम ने भी सुग्रीव के लिये धर्म युद्ध का मार्ग छोड़ा था

47, 62, 71, 99, 09 और कितना माफ करोगे तुम

उन शहीदोँ का खून पूँछता है कब इंसाफ करोगे तूम

काश तुम्हारा भी कोई ताज मेँ फँसा होता

तुमको भी दर्द का एहसास हुआ होता

काश संसद मेँ दो चार धमाके हुये होते

दो चार मनमोहन खुर्शीद कमे होते

काश कभी दस जनपथ मेँ धमाका हुआ होता

सारा देश खुशी हुआ होता

काश वो दो सर सोनिया और राहुल के हुये होते

आज फिर भारत मेँ पटाखे फूट रहे होते

ये निँद्रा कब त्यागोगे तुम

शाँति मुद्रा कब त्यागोगे तुम

क्षमा छोड़कर वार करो तुम

दुश्मनोँ का संहार करो तुम

शेर होकर गीदड़ोँ से डर जाते हो तुम

धोखा खाकर भी गीदड़ भभकी से काम चलाते हो तुम

क्या उन दो सरोँ का कोई मूल्य नहीँ

क्योँ उनके लहू का मुल्य नहीँ

दो घण्टे की मोहलत दे दो नामोनिशान नहीँ होगा

भारत तो होगा पाकिस्तान नहीँ होगा......